तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव
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तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) बुधवार को खम्मम शहर में एक जनसभा आयोजित करेगी। इस जनसभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके पंजाब समकक्ष भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और भाकपा के डी राजा भी शामिल होंगे। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर बीआरएस किए जाने के बाद यह पहली सार्वजनिक बैठक है। इस कारण ये बैठक राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा इसमें तमाम विपक्षी दलों जैसे- आम आदमी पार्टी (आप), सपा और वामपंथी नेता सभी एक साथ नजर आएंगे।
बीआरएस अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के साथ अतिथि नेता बुधवार को खम्मम जाने से पहले हैदराबाद के पास यदाद्री में भगवान लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर जाएंगे। इस मंदिर को तेलंगाना सरकार ने बड़े पैमाने पर पुनर्निर्मित करवाया है।
टीआरएस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद बी विनोद कुमार ने मंगलवार को बताया कि हैदराबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर खम्मम में वे तेलंगाना सरकार के नेत्र जांच कार्यक्रम ‘कांति वेलुगु’ के दूसरे चरण के शुभारंभ में भी शामिल होंगे। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर भी तमाम आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और स्वतंत्रता सहित संविधान की भावना वर्तमान भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए शासन के तहत कमजोर हो रही है। उन्होंने कहा कि बीआरएस देश में ‘वैकल्पिक राजनीति’ लाने की कोशिश कर रही है।
चुनाव आयोग ने दिसंबर, 2022 में बीआरएस के रूप में टीआरएस के नाम परिवर्तन को मंजूरी दी थी। तब बीआरएस के गुलाबी रंग के झंडे को फहराने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री केसीआर ने विश्वास जताया था कि गुलाबी झंडा एक दिन लाल किले पर ऊंचाई पर फहरेगा। उस दौरान पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए ‘अबकी बार किसान सरकार’ (इस बार किसान सरकार) का नारा दिया था।
इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद बी संजय कुमार ने अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को यदाद्री मंदिर ले जाने के लिए केसीआर पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया कि मंदिर कल्वाकुंतला परिवार के लिए व्यवसाय केंद्र बन गए हैं। यदाद्री विकास एक निवेश है और पवित्र हुंडी के लिए सार्वजनिक योगदान रिटर्न हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या केसीआर अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बीआरएस खम्मम बैठक से पहले निवेश के अवसर के रूप में हिंदू मंदिर दिखाने के लिए ले जा रहे हैं?