- CISCE के 10th, 12th के रिजल्ट दोपहर 3 बजे उनकी ऑफिशियल साइट cisce.org और results.cisce.org पर घोषित किए जाएंगे
- 2019 में 7 मई को घोषित हुए थे ISCE के रिजल्ट, इस साल कोरोना के कारण पूरे दो महीने लेट हो गए हैं
दैनिक भास्कर
Jul 09, 2020, 07:32 PM IST
काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड के रिजल्ट की तारीख बता दी है। दोनों ही कक्षाओं के रिजल्ट शुक्रवार, 10 जुलाई को दोपहर 3 बजे घोषित कर दिए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद CISCE ने 1 से 14 जुलाई के बीच होने वाले 10वीं और 12वीं की बाकी बची परीक्षाओं को कैंसल कर दिया था और पूरा सिस्टम CBSE बोर्ड की तरह चलाने की जानकारी दी थी।
बोर्ड परीक्षाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि वह 10वीं और 12वीं का रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी करें। जिसके बाद CISCE बोर्ड ने अपनी तैयारी तेज कर दी थी। इसी क्रम में जहां CBSE के रिजल्ट को लेकर अभी फेक खबरें चल रही हैं, वहीं CISCE बोर्ड ने पक्के तौर पर 10 जुलाई को रिजल्ट जारी करने की पुष्टि कर दी है।
ऐसे देखें रिजल्ट
- रिजल्ट देखने के लिए स्टूडेंट्स https://www.cisce.org/ या results.cisce.org पर जाएं।
- बोर्ड रिजल्ट टैब पर क्लिक करें।
- स्क्रीन पर CISCE का रिजल्ट पेज ओपन होगा।
- CISCE बोर्ड रिजल्ट आते ही अपना रोल नंबर और अन्य जानकारी भरकर सबमिट करें।
- आपका रिजल्ट स्क्रीन पर आ जाएगा।
रद्द हुए पेपर के इवैल्यूएशन के लिए असेसमेंट स्कीम
काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने 10वीं और 12वीं के रद्द हुए पेपर के इवैल्यूएशन के लिए असेसमेंट स्कीम पहले ही जारी कर दी थी। बोर्ड ने इस बारे में ऑफिशियल वेबसाइट पर नोटिफिकेशन जारी किया है।
इसके असेसमेंट स्कीम को बेहतर तरीके से समझने के लिए स्टूडेंट्स CISCE की ऑफिशियल वेबसाइट cisce.org पर जारी की गई असेसमेंट स्कीम देख सकते हैं।
अगले एकेडमिक सेशन के लिए 25 फीसदी कटौती
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने अगले एकेडमिक सेशन में 10वीं- 12वीं के सभी प्रमुख विषयों के सिलेबस को 25 फीसदी तक कम करने का फैसला किया है। इस बारे में बोर्ड ने एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि, “मौजूदा सत्र 2020-21 के दौरान अनुदेशात्मक घंटों में होने वाले नुकसान के लिए निर्णय लिया गया है।” बोर्ड ने कहा कि विशेषज्ञों के परामर्श के बाद पाठ्यक्रम को कम करने का फैसला लिया गया है।