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11 घंटे पहले
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बॉलीवुड को अक्सर आड़े हाथ लेने वाली कंगना रनोट ने एक बार फिर इस पर निशाना साधा है। उन्होंने मलयालम फिल्म ‘जल्लीकट्टू’ की 93वें एकेडमी अवॉर्ड्स में आधिकारिक एंट्री पर खुशी जताई है और बॉलीवुड पर ताना मारते हुए कहा है कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री सिर्फ फिल्म फैमिलीज के बारे में नहीं हैं।
All the scrutiny/ bashing Bullydawood gang got is finally yielding some results, Indian films aren’t just about 4 film families, movie mafia gang is hiding in their houses and letting juries do their job and congratulations team #Jallikattu https://t.co/kI9sY4BumE
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) November 25, 2020
‘घरों में छुप रहे हैं माफिया गैंग’
कंगना ने अपने ट्वीट में लिखा है, “सभी की छानबीन करने वाले या कोसने वाले बुलीवुड गैंग को आखिरकार कुछ परिणाम मिल रहे हैं। भारतीय फिल्में सिर्फ फिल्म फैमिलीज के बारे में नहीं हैं। मूवी माफिया गैंग अपने घर में छुप रहे हैं और जूरीज को अपना काम करने दे रहे हैं। ‘जल्लीकट्टू’ की टीम को मुबारकबाद।”
14 सदस्यों की कमेटी ने चुनी फिल्म
फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की 14 सदस्यों की एक कमेटी ने डायरेक्टर लिजो जोस पेलीसरी की ‘जल्लीकट्टू’ को ऑस्कर के लिए चुना है। जल्लीकट्टू बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। ऑस्कर सेरेमनी 25 अप्रैल 2021 को लॉस एंजिलिस में होगी।
रेस में जल्लीकट्टू समेत 27 फिल्में थीं
एकेडमी अवॉर्ड्स में भेजने के लिए इस साल हिंदी, उड़िया, मराठी और अन्य भाषाओं की कुल 27 फिल्मों के बीच मुकाबला था। जिनमें मेघना गुलजार की ‘छपाक’, शूजित सरकार की ‘गुलाबो सिताबो’, सफदर रहना की ‘चिप्पा’, हंसल मेहता की ‘छलांग’, चैतन्य ताम्हणे की ‘द डिसाइपल’, विधु विनोद चोपड़ा की ‘शिकारा’, अनंत महादेवन की ‘बिटरस्वीट’, रोहेना गगेरा की ‘इज लव इनफ सर’, गीतू मोहनदास की ‘मूथॉन’, नीला माधव पांडा की ‘कलिरा अतिता’, अनविता दत्त की ‘बुलबुल’, हार्दिक मेहता की ‘कामयाब’ और सत्यांशु-देवांशु की ‘चिंटू का बर्थडे’ भी शामिल थी।